A Simple Key For Shodashi Unveiled

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The day is observed with fantastic reverence, as followers go to temples, provide prayers, and engage in communal worship functions like darshans and jagratas.

The picture was carved from Kasti stone, a unusual reddish-black finely grained stone used to fashion sacred images. It absolutely was introduced from Chittagong in current day Bangladesh.

A novel feature of the temple is the fact that souls from any faith can and do present puja to Sri Maa. Uniquely, the temple management comprises a board of devotees from a variety of religions and cultures.

कन्दर्पे शान्तदर्पे त्रिनयननयनज्योतिषा देववृन्दैः

वर्गानुक्रमयोगेन यस्याख्योमाष्टकं स्थितम् ।

उत्तीर्णाख्याभिरुपास्य पाति शुभदे सर्वार्थ-सिद्धि-प्रदे ।

षोडशी महाविद्या प्रत्येक प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं। मुख्यतः सुंदरता तथा यौवन से घनिष्ठ सम्बन्ध होने के परिणामस्वरूप मोहित कार्य और यौवन स्थाई रखने हेतु इनकी साधना अति उत्तम मानी जाती हैं। त्रिपुर सुंदरी महाविद्या संपत्ति, समृद्धि दात्री, “श्री शक्ति” के नाम से भी जानी जाती है। इन्हीं देवी की आराधना कर कमला नाम से विख्यात दसवीं महाविद्या धन, सुख तथा समृद्धि की देवी महालक्ष्मी है। षोडशी देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध अलौकिक शक्तियों से हैं जोकि समस्त प्रकार की दिव्य, अलौकिक तंत्र तथा मंत्र शक्तियों की देवी अधिष्ठात्री मानी जाती हैं। तंत्रो में उल्लेखित मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, स्तम्भन इत्यादि जादुई शक्ति षोडशी देवी की कृपा के बिना पूर्ण नहीं होती हैं।- षोडशी महाविद्या

Chanting the Mahavidya Shodashi Mantra makes a spiritual shield all-around devotees, protecting them from negativity and hazardous influences. This mantra acts as being a source of security, serving to folks retain a beneficial ecosystem totally free from psychological and spiritual disturbances.

Her Tale includes famous battles from evil forces, emphasizing the triumph of fine in excess of click here evil and the spiritual journey from ignorance to enlightenment.

कामेश्यादिभिराज्ञयैव ललिता-देव्याः समुद्भासितं

करोड़ों सूर्य ग्रहण तुल्य फलदायक अर्धोदय योग क्या है ?

श्रीगुहान्वयसौवर्णदीपिका दिशतु श्रियम् ॥१७॥

‘हे देव। जगन्नाथ। सृष्टि, स्थिति, प्रलय के स्वामी। आप परमात्मा हैं। सभी प्राणियों की गति हैं, आप ही सभी लोकों की गति हैं, जगत् के आधार हैं, विश्व के करण हैं, सर्वपूज्य हैं, आपके बिना मेरी कोई गति नहीं है। संसार में परम गुह्रा क्या वास्तु है?

It is generally discovered that knowledge and wealth will not keep with each other. But Sadhana of Tripur Sundari provides both and also gets rid of disorder together with other ailments. He under no circumstances goes underneath poverty and gets fearless (Shodashi Mahavidya). He enjoys every one of the worldly joy and gets salvation.

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